Buy Vs Rent flat: एक 3BHK फ्लैट खरीदने और उसका मासिक किराया चुकाने के विषय पर विचार करते समय, अक्सर लोग यह सवाल करते हैं कि कौन सा विकल्प बेहतर है। इस लेख में हम यह विश्लेषण करेंगे कि मासिक किराया Rs 25,000 चुकाना बेहतर है या एक फ्लैट को Rs 1,00,00,000 में खरीदना।
इस उदाहरण से समझें
पहले, आइए एक सामान्य बात पर गौर करें जिसमें आप एक फ्लैट को किराए पर लेते हैं। मान लीजिए आप हर महीने Rs 25,000 का किराया चुकाते हैं। इसका मतलब है कि सालाना खर्च Rs 25,000 x 12 = Rs 3,00,000 होगा। इस खर्च को 10 साल तक जोड़ने पर कुल खर्च Rs 30,00,000 होगा। हालांकि, किराए का भुगतान एक साधारण मासिक खर्च होता है और इसमें किसी भी तरह की बंधनकारी जिम्मेदारी नहीं होती। आप फ्लैट बदल सकते हैं या जगह बदलने का विकल्प भी आपके पास होता है।
अब, यदि आप फ्लैट को खरीदते हैं, तो आपको एक बार में Rs 1,00,00,000 का भुगतान करना होगा। इसके अलावा, फ्लैट खरीदने पर अन्य खर्च जैसे कि स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्री शुल्क, और मेंटेनेंस चार्ज भी आते हैं। मान लीजिए ये अतिरिक्त खर्च लगभग Rs 5,00,000 हैं। इस प्रकार, कुल प्रारंभिक खर्च Rs 1,05,00,000 होगा।
अधिक लाभ कमाने के लिए रूपए का निवेश
फ्लैट खरीदने के बाद, आप उसे लंबे समय तक अपने पास रख सकते हैं, और उसकी कीमत समय के साथ बढ़ भी सकती है। हालांकि, इसमें कई दिक्कतें भी होती हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आपने एक बहुत बड़ी रकम एकमुश्त खर्च कर दी है। इस राशि को निवेश में लगाने पर आपको और अधिक लाभ हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप Rs 1,00,00,000 को एक अच्छा निवेश विकल्प जैसे कि शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड या अन्य वित्तीय योजनाओं में लगाते हैं, तो आपको इससे अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
25 हजार रुपये के रेंट से कैसे लाभ?
मान लीजिए आप इस रकम को एक निवेश योजना में लगाते हैं, जिसमें औसतन 10% का सालाना रिटर्न मिलता है। इस स्थिति में, पहले साल के अंत में आपको Rs 10,00,000 का लाभ होगा। इस तरह, एक साल में ही आपका निवेश बढ़कर Rs 1,10,00,000 हो जाएगा। यदि आप इस निवेश को 10 साल तक बनाए रखते हैं, तो आपको लगभग Rs 2,59,37,000 का लाभ होगा, जो कि आपके फ्लैट की लागत से काफी अधिक है।
घर खरीदने के साथ जिम्मेदारी
फ्लैट खरीदने की एक और चुनौती यह है कि इसके रखरखाव, मरम्मत, और अन्य आपातकालीन खर्च भी आपकी जिम्मेदारी होती है। इसके विपरीत, किराए पर रहने पर इन सभी खर्चों की जिम्मेदारी घर के मालिक की होती है। इसके अलावा, घर की कीमत बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हो सकती है, और आपके निवेश की वैल्यू भी बदल सकती है।
किराए पर आने से बड़ी रकम की बचत
एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि किराए पर रहने से आपकी लिक्विडिटी बनी रहती है। आपको अपनी सम्पत्ति के रूप में बड़ी रकम लॉक नहीं करनी पड़ती। आप अपनी वित्तीय स्थिति को ज्यादा आसानी से मैनेज कर सकते हैं और आकस्मिक आवश्यकताओं के लिए पैसे की उपलब्धता बनाए रख सकते हैं।
किराए के लाभों में यह भी शामिल है कि अगर आप स्थान बदलने के इच्छुक हैं, तो आप आसानी से ऐसा कर सकते हैं। फ्लैट खरीदने के बाद, यह प्रक्रिया अधिक जटिल हो सकती है और आपको बिक्री के लिए समय और संसाधन निवेश करना पड़ता है।
घर खरीदने और रेंट देने में लाभ-हानि
अंततः, यह कह सकते हैं कि Rs 25,000 का मासिक किराया चुकाना और Rs 1,00,00,000 का फ्लैट खरीदना दोनों के अपने-अपने लाभ और हानियाँ हैं। लेकिन अगर आप अपने पैसे को निवेश करके अधिक लाभ कमाने के इच्छुक हैं, तो मासिक किराया चुकाना और अतिरिक्त रकम को निवेश में लगाना आपके लिए आर्थिक रूप से अधिक फायदेमंद हो सकता है।
रेंट के साथ-साथ SIP की शुरुआत
यदि आप मासिक रेंट के साथ एक SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) भी शुरू करें, तो यह एक प्रभावशाली वित्तीय योजना हो सकती है। मासिक रेंट का भुगतान सुनिश्चित करता है कि आप आवास की सुरक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जबकि SIP नियमित निवेश के माध्यम से आपकी बचत को बढ़ा सकता है। SIP के माध्यम से छोटी-छोटी राशि को नियमित अंतराल पर निवेश करके, आप समय के साथ एक अच्छा फंड तैयार कर सकते हैं। इससे आपकी लिक्विडिटी बनी रहती है और आप वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ भविष्य के लिए अच्छा रिटर्न भी अर्जित कर सकते हैं।
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