Section 80EEA: जानिए सेक्शन 80EEA के तहत घर खरीदार कैसे प्राप्त कर सकते हैं टैक्स छूट!

Section 80EEA: भारतीय इनकमटैक्स नियम के तहत, घर खरीदारों को कुछ टैक्स छूट मिल सकती है जो उनके वित्तीय बोझ को कम करने में सहायक हो सकती हैं। एक महत्वपूर्ण प्रावधान इस संदर्भ में सेक्शन 80EEA है। यह सेक्शन विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो पहले घर खरीद रहे हैं और इससे जुड़ी कुछ विशेष शर्तें हैं। आइए जानते हैं कि सेक्शन 80EEA के तहत टैक्स छूट प्राप्त करने के लिए घर खरीदारों को क्या करना होगा और इसके लाभ क्या हैं।

क्या है? Section 80EEA


धारा 80EEA एक भारतीय इनकमटैक्स की धारा है जो होम लोन पर कर लाभ प्रदान करती है। इसके तहत, यदि कोई व्यक्ति अपने घर खरीदने के लिए ऋण लेता है और उसकी ब्याज भुगतान की राशि ₹1,50,000 तक है, तो वह इस लाभ का दावा कर सकता है। यह लाभ केवल पहले होम लोन पर लागू होता है और यह धारा उन लोगों के लिए है जो गरीब या मध्यम वर्ग के हैं और उनके पास पहले से कोई अन्य घर नहीं है।

Section 80EEA का उद्देश्य

Section 80EEA का मुख्य उद्देश्य उन घर खरीदारों को लाभ प्रदान करना है जो पहली बार घर खरीद रहे हैं और उनके पास सीमित संसाधन हैं। इस सेक्शन के तहत, खरीदारों को घर के कर्ज पर ब्याज के भुगतान पर एक अतिरिक्त टैक्स छूट मिलती है, जो उनके कर के बोझ को कम कर सकती है। इस छूट का लाभ सिर्फ उन व्यक्तियों को मिलता है जो 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच घर की खरीददारी करते हैं।

छूट की राशि

Section 80EEA के तहत, घर खरीदारों को ₹1.5 लाख तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है। यह छूट उन ब्याज भुगतान पर लागू होती है जो होम लोन पर किए गए हों। इसका मतलब है कि अगर आप होम लोन पर ब्याज के रूप में ₹1.5 लाख तक का भुगतान कर रहे हैं, तो आपको इस राशि पर टैक्स छूट मिलेगी। यह छूट आयकर के नियमों के तहत आपकी टैक्सेबल आय को कम करती है।

पात्रता की शर्तें

Section 80EEA के तहत टैक्स छूट प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें पूरी करनी होती हैं:

पहली बार घर खरीदना: इस छूट का लाभ उन व्यक्तियों को ही मिलेगा जो पहली बार घर खरीद रहे हैं। इसका मतलब है कि आप पहले से किसी अन्य घर के मालिक नहीं होने चाहिए।

लोन अमाउंट: घर की खरीद के लिए लिया गया कर्ज ₹35 लाख से कम होना चाहिए और घर की कीमत ₹50 लाख से कम होनी चाहिए। यदि ये मानक पूरे होते हैं, तो ही आप इस छूट के पात्र होंगे।

घर का स्थान: यह छूट उन लोगों के लिए है जो भारत में किसी भी स्थान पर घर खरीद रहे हैं। इसका मतलब है कि यह छूट देश के किसी भी कोने में नए घर खरीदने पर लागू हो सकती है।

लोन लेने वाला: छूट का लाभ केवल उस व्यक्ति को मिलेगा जिसने होम लोन लिया है। इसका मतलब है कि जो भी व्यक्ति लोन के लिए जिम्मेदार है और ब्याज चुका रहा है, वही टैक्स छूट का दावा कर सकता है।

छूट का दावा कैसे करें

Section 80EEA के तहत टैक्स छूट का दावा करने के लिए आपको अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में इसे सही ढंग से प्रस्तुत करना होगा। आपको अपने लोन की पासबुक और अन्य संबंधित दस्तावेजों की एक प्रति रिटर्न के साथ संलग्न करनी होगी। आपके लोन के ब्याज की राशि को सही ढंग से फॉर्म 16 में दर्ज करना आवश्यक है। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करें कि आप सभी पात्रता शर्तों को पूरा कर रहे हैं ताकि आपका दावा स्वीकार हो सके।

छूट का प्रभाव

Section 80EEA के तहत टैक्स छूट का लाभ आपकी वार्षिक टैक्सेबल आय को कम कर सकता है। इससे आपकी कुल टैक्स लायबिलिटी कम होगी और आपको अपने होम लोन के ब्याज पर दी गई छूट से वित्तीय राहत मिलेगी। यह छूट न केवल टैक्स बचाने में मदद करती है बल्कि घर की खरीददारी को भी सस्ता बनाती है।

निष्कर्ष

Section 80EEA एक महत्वपूर्ण टैक्स छूट प्रावधान है जो पहली बार घर खरीदने वाले लोगों के लिए है। इसके तहत ₹1.5 लाख तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है, जो घर के कर्ज के भुगतान में मददगार साबित हो सकती है। इस छूट का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको विशेष पात्रता शर्तों को पूरा करना होगा और सही तरीके से अपने टैक्स रिटर्न में इसका दावा करना होगा। सही जानकारी और दस्तावेजों के साथ, आप इस छूट का पूरा लाभ उठा सकते हैं और अपने घर के सपनों को साकार कर सकते हैं।

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