Budget 2024: 2024 के केंद्रीय बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। इन घोषणाओं का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सुधार लाना, किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और कृषि संबंधी समस्याओं का समाधान करना है। इनमें से कुछ प्रमुख घोषणाएँ निम्नलिखित हैं:
- किसानों के लिए वित्तीय सहायता: सरकार ने बजट में किसानों के लिए विशेष वित्तीय सहायता की घोषणा की है। इसके अंतर्गत, किसानों को बिना ब्याज के ऋण प्रदान किए जाएंगे, जो उनके कृषि कार्यों के लिए आवश्यक पूंजी की कमी को दूर करने में मदद करेंगे। यह कदम किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने और उनके वित्तीय बोझ को कम करने के लिए उठाया गया है।
- कृषि बीमा योजना का विस्तार: किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं और अन्य जोखिमों से बचाने के लिए कृषि बीमा योजनाओं का विस्तार किया जाएगा। इस बजट में बीमा प्रीमियम पर सब्सिडी बढ़ाई जाएगी, जिससे किसानों को बीमा की लागत कम करनी पड़ेगी और वे अपने जोखिम को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकेंगे।
- कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश: बजट में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश की योजना है। इसमें नए गोदामों, कोल्ड स्टोरेज और कृषि विपणन केंद्रों का निर्माण शामिल है। इससे किसानों को अपनी उपज को बेहतर तरीके से संग्रहीत करने और बेचने की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
- स्मार्ट कृषि तकनीकों को बढ़ावा: आधुनिक कृषि तकनीकों और उपकरणों को अपनाने के लिए सरकार ने बजट में विशेष प्रावधान किए हैं। इसमें ड्रोन, सेंसर्स और अन्य स्मार्ट उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी शामिल है। इससे किसानों को कृषि उत्पादन को बेहतर बनाने और लागत को कम करने में मदद मिलेगी।
- कृषि शिक्षा और ट्रेनिंग: किसानों को नई कृषि तकनीकों और आधुनिक कृषि सिस्टम के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए बजट में विशेष कार्यक्रमों की घोषणा की गई है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे और किसानों को नई कृषि विधियों से अवगत कराएंगे, जिससे उनकी उत्पादकता में सुधार होगा।
भूमि की डिजिटल पहचान:
बजट में भूमि प्रबंधन और रिकॉर्ड-कीपिंग के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की गई है। इन सुधारों के तहत, भूमि की डिजिटल पहचान प्रणाली को लागू किया जाएगा। यह प्रणाली भूमि के स्वामित्व और उपयोग की जानकारी को डिजिटल रूप में दर्ज करेगी, जिससे भूमि संबंधी विवादों को कम किया जा सकेगा और ट्रांसफर की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा।
डिजिटल भूमि रिकॉर्ड: भूमि की डिजिटल पहचान प्रणाली के तहत, प्रत्येक भूमि की डिजिटल रिकॉर्ड तैयार की जाएगी। इसमें भूमि का स्वामित्व, उसकी सीमाएँ, उपयोग और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होगी। यह रिकॉर्ड एक केंद्रीय डेटाबेस में इक्कठा किया जाएगा, जिसे आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा। इससे भूमि से संबंधित किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति में प्रमाण प्राप्त करना सरल होगा।
ई-भूमि रजिस्ट्रेशन: भूमि की डिजिटल पहचान के साथ-साथ, भूमि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को भी डिजिटल किया जाएगा। अब भूमि खरीदने और बेचने की प्रक्रिया ऑनलाइन की जा सकेगी, जिससे समय की बचत होगी और धोखाधड़ी बढ़ेगी। इससे संबंधित दस्तावेजों की सत्यता की जांच भी आसान होगी।
ऑफिशियल वेरिफिकेशन: डिजिटल भूमि रिकॉर्ड के माध्यम से भूमि की पहचान और स्वामित्व का ऑफिशियल वेरिफिकेशन आसान होगा। इससे भूमिसंबंधी दस्तावेजों में कोई भी गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा कम होगा, और भूमि खरीदने या बेचने के दौरान धोखाधड़ी की संभावना घटेगी।
कृषि और भूमि डेटा का एकीकरण: भूमि की डिजिटल पहचान प्रणाली के साथ, कृषि डेटा को भी एकीकृत किया जाएगा। इससे किसानों को उनकी भूमि की उत्पादकता, उपयोग की स्थिति और संभावित सुधार के क्षेत्रों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त होगी। यह डेटा आधारित निर्णय लेने में सहायता करेगा और कृषि योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा।
इन घोषणाओं से कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार की संभावना है और किसानों को उनके कामकाज में नई तकनीकियों और सुविधाओं का लाभ मिलेगा। भूमि की डिजिटल पहचान प्रणाली से भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता और सटीकता आएगी, जो कि लंबे समय में कृषि क्षेत्र के लिए लाभकारी साबित होगी।
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